क्या आपने कभी गिरगिट देखा है? यह एक अद्भुत जीव है जो अपने रंग बदलने की क्षमता के लिए जाना जाता है। गिरगिट अपने आसपास के वातावरण के अनुसार रंग बदल सकता है, जिससे वह शिकारियों से छिप सकता है और शिकार को आकर्षित कर सकता है।
लेकिन गिरगिट रंग कैसे बदलता है?
यह सब उसकी त्वचा में विशेष कोशिकाओं के कारण होता है जिन्हें मेलानोफोर कहा जाता है। मेलानोफोर में रंगद्रव्य होते हैं जो प्रकाश को अवशोषित करते हैं और परावर्तित करते हैं। जब गिरगिट अपना रंग बदलना चाहता है, तो वह इन कोशिकाओं को फैलाता है या सिकोड़ता है।
गिरगिट के शरीर में तीन प्रकार के कोशिकाएँ होती हैं:
- मेलेनोफोर (Melanophores): ये कोशिकाएँ काले और भूरे रंग के लिए जिम्मेदार होती हैं।
- क्सैंथोफोर (Xanthophores): ये कोशिकाएँ पीले और नारंगी रंग के लिए जिम्मेदार होती हैं।
- एरिथ्रोफोर्स (Erythrofores): ये कोशिकाएँ लाल और लाल रंग के लिए जिम्मेदार होती हैं।
गिरगिट इन कोशिकाओं को विभिन्न तरीकों से जोड़कर विविध प्रकार के रंग बना सकता हैं। उदाहरण के लिए, एक गिरगिट जो अपने आस-पास के वातावरण से मेल खाना चाहता है, वह अपने मेलेनोफोर को फैला सकता है और अपने अन्य क्रोमेटोफोर को सिकोड़ सकता है। इससे वह काला या भूरा हो जाएगा, जो उसे पेड़ों या चट्टानों की पृष्ठभूमि में मिलने में मदद करेगा।
गिरगिट का रंग क्यों बदलता है?

गिरगिट का रंग विभिन्न कारणों से बदलता है, जिनमें शामिल हैं:
- छिपने के लिए: गिरगिट शिकारियों से छिपने के लिए अपना रंग बदल सकता हैं। उदाहरण के लिए, एक गिरगिट जो पेड़ पर रहता है, वह हरे रंग का हो सकता है, जो उसे पत्तियों में मिलने में मदद करेगा ।
गिरगिट रंग बदलने के लिए तीन मुख्य तरीकों का उपयोग करता है:
- पृष्ठभूमि से मेल खाना: गिरगिट अपने आसपास के रंगों से मेल खाने के लिए अपना रंग बदल सकता है। यह उसे शिकारियों से छिपने और शिकार को आकर्षित करने में मदद करता है।
- भावनाओं को व्यक्त करना: गिरगिट अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए रंग बदल सकता है। उदाहरण के लिए, जब वह गुस्सा या उत्तेजित होता है, तो वह चमकीले रंगों का प्रदर्शन करेगा।
- तापमान को नियंत्रित करना: गिरगिट अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए रंग बदल सकता है। जब वह ठंडा होता है, तो वह गहरे रंगों में बदल जाएगा जो अधिक गर्मी अवशोषित करते हैं। जब वह गर्म होता है, तो वह हल्के रंगों में बदल जाएगा जो कम गर्मी अवशोषित करते हैं।
गिरगिट का रंग बदलने की क्षमता एक अद्भुत प्राकृतिक घटना है। यह हमें प्रकृति की विविधता और जटिलता की याद दिलाता है।
अतिरिक्त जानकारी:
- गिरगिट को “रंग बदलने वाला कलाकार” भी कहा जाता है।
- गिरगिट की त्वचा में मेलानोफोर के अलावा अन्य प्रकार की कोशिकाएं भी होती हैं जो रंग बदलने में मदद करती हैं।
- गिरगिट अपनी आंखों, जीभ और पूंछ का उपयोग करके भी अपने आसपास के वातावरण के साथ तालमेल बिठाते हैं।
- गिरगिट दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
अन्य भाषाओं में गिरगिट:
- अंग्रेजी: Chameleon
- हिंदी: गिरगिट
- मराठी: गिरगिट
- गुजराती: ગરોળી
- तमिल: கிரிஜா
उम्मीद है यह जानकारी आपको उपयोगी लगी होगी!