बच्चे मोबाइल मांगें तो क्या करना चाहिए? इन १० तरीकोंसे यकीकन बच्चो की मोबाइल लत छूट जाएगी

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बच्चे मोबाइल मांगें तो क्या करना चाहिए- आज के दौर में तकनीक का बोलबाला है, और मोबाइल फोन तो मानो बच्चों के लिए मनोरंजन का खजाना बन गया है. रंगीन स्क्रीन, मनोरंजक गेम और अंतहीन वीडियो की दुनिया उन्हें अपनी ओर खींच लेती है. यह लुभावनापन स्वाभाविक है, पर सवाल यह है कि-

बच्चों को मोबाइल कब और कैसे देना चाहिए?

बच्चों का मोबाइल के दीवानेपन को समझना(बच्चे मोबाइल मांगें तो क्या करना चाहिए? )

मोबाइल का आकर्षण (The Allure of Mobile Phones)

मोबाइल फोन बच्चों को कई तरह से आकर्षित करते हैं. एनिमेटेड कार्टून, इंटरैक्टिव गेम और उनके पसंदीदा राइमर्स के वीडियो उन्हें स्क्रीन से चिपकाए रखते हैं. इसके अलावा, मोबाइल सोशल मीडिया से जुड़ने और दोस्तों से बातचीत करने का भी माध्यम बन गया है.

उम्र के हिसाब से प्रभाव (Impact Based on Age)

हालांकि, यह आकर्षण उम्र के साथ अलग-अलग असर डालता है. छोटे बच्चों के लिए, मोबाइल एक सीखने का उपकरण हो सकता है. वे इससे अक्षर, आकार और रंग पहचानना सीख सकते हैं. लेकिन बड़े बच्चों के लिए, मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल उनकी पढ़ाई, सामाजिक कौशल और शारीरिक विकास में बाधा बन सकता है.

कब “ना” कहना जरूरी है (When to Say “No”)

बच्चे मोबाइल मांगे तो क्या करना चाहिए

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बच्चों को मोबाइल देने का फैसला उनकी उम्र, परिपक्वता और जिम्मेदारी को ध्यान में रखकर लेना चाहिए. कई बार “ना” कहना जरूरी हो जाता है. आइए देखें कब इनकार करना सही है.

उम्र सीमा तय करना (Setting Age Limits)

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) के अनुसार, दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह का स्क्रीन टाइम नहीं देना चाहिए.

इसके बाद भी, माता-पिता को ही यह तय करना चाहिए कि उनके बच्चे को किस उम्र में मोबाइल देना उचित है.

विकास में बाधा (Hindrance to Development)

बच्चों के शुरुआती साल उनके दिमाग के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. इस दौरान उन्हें खेलने, कल्पनाशील बनने और सामाजिक कौशल सीखने की जरूरत होती है. मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल इन गतिविधियों में बाधा डाल सकता है.

  • कम शारीरिक गतिविधि (Reduced Physical Activity): घंटों मोबाइल स्क्रीन पर टकटकी लगाए रहने से बच्चे शारीरिक गतिविधियां कम कर देते हैं, जिससे उनका शारीरिक विकास प्रभावित होता है. मोटापा, हड्डियों का कमजोर होना और कम सहनशीलता जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
  • सामाजिक कौशल में कमी (Decline in Social Skills): आमने-सामने की बातचीत और खेल के माध्यम से बच्चे सामाजिक कौशल सीखते हैं. मोबाइल का अत्यधिक उपयोग उन्हें दूसरों से बातचीत करने और भावनाओं को समझने से रोक सकता है.
  • एकाग्रता और सीखने में कठिनाई (Difficulty with Concentration and Learning): मोबाइल की लगातार बदलती उत्तेजनाएं बच्चों के ध्यान को कम करती हैं. इससे कक्षा में ध्यान लगाना और नई चीजें सीखना मुश्किल हो सकता है.

सेहत पर असर (Impact on Health)

मोबाइल के नीली रोशनी के संपर्क में आने से बच्चों की नींद प्रभावित हो सकती है. नींद की कमी उनके मूड, व्यवहार और सीखने की क्षमता को कमजोर कर सकती है. साथ ही, मोबाइल गर्दन और पीठ दर्द जैसी शारीरिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है.

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“हां” करने से पहले विचारणीय बातें (Things to Consider Before Saying “Yes”)(बच्चे मोबाइल मांगें तो क्या करना चाहिए?)

बच्चे मोबाइल मांगे तो क्या करना चाहिए

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यह सच है कि मोबाइल फोन कई तरह से फायदेमंद हो सकते हैं. लेकिन इससे पहले कि आप अपने बच्चे को मोबाइल दें, कुछ बातों पर विचार करना जरूरी है.

उपयोग का समय (Time Limits)

बच्चे को मोबाइल देने का फैसला कर लिया है, तो सबसे पहले इस्तेमाल का समय तय करें. उम्र के हिसाब से एक सीमा निर्धारित करें और उसका सख्ती से पालन करें.

उपयोग का समय (Time Limits) (continued)

छोटे बच्चों के लिए, प्रति दिन 15-30 मिनट का स्क्रीन टाइम काफी है. बड़े बच्चों के लिए भी, अधिकतम 1-2 घंटे का समय ही निर्धारित करें. आप ऐप्स या पैरेंटल कंट्रोल फीचर्स का इस्तेमाल करके भी स्क्रीन टाइम को नियंत्रित कर सकते हैं.

कंटेंट कंट्रोल (Content Control)

बच्चों को क्या देखने देते हैं, इस पर पूरा ध्यान दें. पैरेंटल कंट्रोल ऐप्स या सेटिंग्स का इस्तेमाल करके अनुचित सामग्री को फ़िल्टर करें. आप उन ऐप्स को ही डाउनलोड करें जो उनके सीखने और उम्र के लिए उपयुक्त हों. साथ ही, उनके द्वारा देखे जाने वाले वीडियो और वेबसाइट्स पर नजर रखें.

परिवारिक गतिविधियां (Family Activities)

बच्चों को मोबाइल से दूर रखने का सबसे अच्छा तरीका है उन्हें व्यस्त रखना. पूरे परिवार के साथ मिलकर कुछ मजेदार गतिविधियां करें. बोर्ड गेम खेलें, पिकनिक मनाएं, पार्क में घूमने जाएं, या कोई नया हुनर सीखें. साथ में बिताया गया यह समय न सिर्फ उनके मोबाइल की आदत को कम करेगा, बल्कि आपके रिश्तों को भी मजबूत बनाएगा.

बच्चों को व्यस्त रखने के रचनात्मक तरीके (Creative Ways to Engage Kids)

बच्चे मोबाइल मांगे तो क्या करना चाहिए

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बच्चों को स्क्रीन से दूर रखने के लिए कई रचनात्मक तरीके अपनाए जा सकते हैं. इन तरीकों को उनकी उम्र के हिसाब से चुनें.

उम्र के हिसाब से गतिविधियां (Age-Appropriate Activities)

छोटे बच्चे (Younger Children)

  • कला और शिल्प (Arts and Crafts): पेंटिंग, ड्राइंग, मिट्टी से खेलना जैसी गतिविधियां बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ाती हैं.
  • कहानी सुनाना (Storytelling): उन्हें कहानियां सुनाएं या साथ मिलकर किताबें पढ़ें. इससे उनकी भाषा कौशल और कल्पनाशीलता का विकास होता है.
  • संगीत और नृत्य (Music and Dance): बच्चों को संगीत सुनने और नाचने के लिए प्रोत्साहित करें. यह उनकी खुशी और ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है.

बड़े बच्चे (Older Children)

  • खेल-कूद (Sports and Games): बच्चों को किसी खेल में शामिल होने के लिए प्रेरित करें. इससे उनका शारीरिक विकास होता है और टीम वर्क की भावना सीखने को मिलती है.
  • विज्ञान के प्रयोग (Science Experiments): घर पर आसानी से किए जा सकने वाले विज्ञान के प्रयोग बच्चों की जिज्ञासा को जगाते हैं और वैज्ञानिक सोच विकसित करते हैं.
  • कोडिंग सीखना (Learning to Code): कोडिंग सीखना आज के समय में एक महत्वपूर्ण कौशल है. बच्चों के लिए कई कोडिंग गेम्स और ऐप्स उपलब्ध हैं.

टेक्नॉलॉजी का सकारात्मक इस्तेमाल (Positive Use of Technology):

टेक्नॉलॉजी को पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसका सकारात्मक इस्तेमाल किया जा सकता है.

  • शैक्षिक ऐप्स (Educational Apps): कई शैक्षिक ऐप्स बच्चों को मजेदार तरीके से सीखने में मदद करते हैं. ऐसे ऐप्स चुनें जो उनके पाठ्यक्रम से जुड़े हों या उनकी रुचि के अनुसार हों.
  • ऑनलाइन कोर्स (Online Courses): कुछ ऑनलाइन कोर्स बच्चों को नए कौशल सीखने का अवसर देते हैं. ये कोर्स उनके ज्ञान को बढ़ाने और दुनिया के बारे में जानने में सहायक हो सकते हैं.
  • वीडियो कॉलिंग (Video Calling): दूर रहने वाले रिश्तेदारों और दोस्तों से वीडियो कॉलिंग के जरिए बातचीत करना बच्चों के लिए अच्छा होता है.

आउटडोर खेल (Outdoor Play):

आउटडोर खेल बच्चों के लिए बेहद जरूरी हैं. इससे न सिर्फ उनका शारीरिक विकास होता है, बल्कि विटामिन डी भी प्राप्त होता है, जो उनकी हड्डियों और इम्यून सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण है. पार्क में खेलना, साइकिल चलाना, या ट्रेकिंग जैसी गतिविधियां बच्चों को प्रकृति से जुड़ने और तनाव दूर करने में भी मदद करती हैं.

बातचीत का महत्व (Importance of Communication)

बच्चों को मोबाइल देने का फैसला लेने से पहले और बाद में उनके साथ खुलकर बातचीत करना बहुत जरूरी है.

  • उनके नजरिए को समझना (Understanding Their Perspective): यह जानने की कोशिश करें कि बच्चे मोबाइल क्यों चाहते हैं. क्या वे दोस्तों से बात करना चाहते हैं, कोई गेम खेलना चाहते हैं, या कुछ सीखना चाहते हैं? उनकी जरूरतों को समझने से आप उनके लिए बेहतर विकल्प सुझा सकते हैं.
  • विकल्प सुझाना (Offering Alternatives): बच्चों को बताएं कि मोबाइल के अलावा भी मनोरंजन और सीखने के कई तरीके हैं. उनकी रुचि के अनुसार विकल्प सुझाएं और उन्हें नई चीजें सीखने के लिए प्रोत्साहित करें.
  • विश्वास का निर्माण (Building Trust): बच्चों के साथ भरोसे का रिश्ता बनाएं. उन्हें बताएं कि आप उनकी जिज्ञासा को समझते हैं, लेकिन मोबाइल के कुछ नुकसान भी हैं. उनके सवालों का जवाब दें और उनकी परेशानियों को सुनें. ऐसा करने से वे आपसे खुलकर बातचीत कर पाएंगे.

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निष्कर्ष (Conclusion)

बच्चों को मोबाइल देना एक बड़ा फैसला है. जल्दबाजी में फैसला लेने से बचें. उनकी उम्र, परिपक्वता और जरूरतों को ध्यान में रखें. उन्हें व्यस्त रखने के लिए रचनात्मक तरीके अपनाएं, उनके साथ बातचीत करें और भरोसे का रिश्ता बनाएं. याद रखें, आपका प्यार और साथ ही मोबाइल से भी ज्यादा मूल्यवान है.

बच्चे मोबाइल मांगें तो क्या करना चाहिए?: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. मेरा बच्चा लगातार मोबाइल मांगता है, मैं उसे कैसे मना करूं?

शांत रहकर उनसे बात करें. उन्हें बताएं कि आप उन्हें समझते हैं, लेकिन मोबाइल देने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. उनकी पसंद के अनुसार कुछ विकल्प सुझाएं और उन्हें व्यस्त रखने के लिए मजेदार गतिविधियां करें.

2. बच्चों के लिए कितना स्क्रीन टाइम सही है?

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) के अनुसार, दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह का स्क्रीन टाइम नहीं देना चाहिए. बड़े बच्चों के लिए भी, अधिकतम 1-2 घंटे का समय ही निर्धारित करें.

3. क्या मोबाइल बच्चों के लिए सीखने का जरिया हो सकता है?

हां, बिल्कुल. कई शैक्षिक ऐप्स और ऑनलाइन कोर्स बच्चों को सीखने में मदद करते हैं. लेकिन यह ध्यान रखें कि स्क्रीन टाइम का ज्यादातर हिस्सा खेलने और सीखने पर ही खर्च होना चाहिए.

4. बच्चों को कौन से ऐप्स डाउनलोड करने चाहिए?

उनके सीखने और उम्र के लिए उपयुक्त ऐप्स ही डाउनलोड करें. पैरेंटल कंट्रोल का इस्तेमाल करके अनुचित सामग्री को फ़िल्टर करें और उनके द्वारा देखे जाने वाले कंटेंट पर नजर रखें.

5. मैं कैसे पता लगा सकता हूं कि मेरा बच्चा मोबाइल पर क्या कर रहा है?

बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करें और उन पर भरोसा करें. आप उनके डिवाइस पर पैरेंटल कंट्रोल सेटिंग्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रख सकें. साथ ही, उनके साथ समय बिताएं और उनकी रुचि के बारे में जानें.

अतिरिक्त सुझाव (Additional Tips)

  • उदाहरण से सीखना (Learning by Example): बच्चों को मोबाइल से चिपके रहने की आदत न डालें. खुद भी कम से कम स्क्रीन टाइम का लक्ष्य रखें. जब आप परिवार के साथ होते हैं, तो फोन को दूर रखें और मौजूदा पल का आनंद लें.
  • मीडिया लिटरेसी (Media Literacy): बड़े बच्चों को सिखाएं कि इंटरनेट पर मौजूद हर चीज सच नहीं होती. उन्हें संदिग्ध जानकारी की पहचान करना और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव के तरीके सिखाएं.
  • डिजिटल नागरिकता (Digital Citizenship): बच्चों को ऑनलाइन सम्मानजनक व्यवहार के बारे में बताएं. उन्हें साइबरबुलिंग से बचने और दूसरों के साथ सम्मान से पेश आने के बारे में सिखाएं.
  • परिवार के साथ स्क्रीन-मुक्त समय (Screen-Free Family Time): हफ्ते में कुछ समय ऐसा रखें, जब पूरा परिवार बिना किसी स्क्रीन के साथ मिलकर समय बिताए. बोर्ड गेम खेलें, पिकनिक मनाएं, या कोई नया हुनर सीखें. साथ में बिताया गया यह क्वालिटी टाइम बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होता है.
  • सकारात्मक माहौल बनाएं (Create a Positive Environment): बच्चों को सुरक्षित महसूस कराएं, ताकि वे आपसे अपनी परेशानियों को शेयर कर सकें. उन्हें भरोसा दिलाएं कि उनकी जिज्ञासाओं का स्वागत है और आप उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार हैं.

Conclusion

बच्चों को मोबाइल देने का फैसला सोच-समझकर लें. जल्दबाजी में न करें और उनकी उम्र, परिपक्वता और जरूरतों को ध्यान में रखें. उन्हें व्यस्त रखने के लिए रचनात्मक तरीके अपनाएं, उनके साथ बातचीत करें और भरोसे का रिश्ता बनाएं. मोबाइल फोन भले ही मनोरंजन का एक जरिया हो, लेकिन आपका प्यार, देखभाल और साथ ही उससे कहीं ज्यादा मूल्यवान है.

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