अजिथ्रोमाइसिन गोली कब लेनी चाहिए? यह 3 मिथक आपको जरूर पता होने चाहिए (Azithromycin गोली कब लेनी चाहिए?)

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अजिथ्रोमाइसिन गोली कब लेनी चाहिए? – कभी-कभी गले में खराश, कान में दर्द, या छाती में जकड़न जैसी समस्याएं हमें परेशान कर देती हैं। ये सब बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर अक्सर अजिथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक दवाएं लिख देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अजिथ्रोमाइसिन गोली कब लेनी चाहिए?

अजिथ्रोमाइसिन क्या है? (Azithromycin Kya Hai?)

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अजिथ्रोमाइसिन एक ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक दवा है। इसका मतलब है कि यह कई तरह के बैक्टीरिया को खत्म करने में कारगर है। यह दवा बैक्टीरिया के प्रोटीन निर्माण को रोककर काम करती है, जिससे वे बढ़ पाने में असमर्थ हो जाते हैं और अंततः मर जाते हैं।

अजिथ्रोमाइसिन कैसे काम करती है? (Azithromycin Kaise Kaam Karti Hai?)

अजिथ्रोमाइसिन बैक्टीरिया के राइबोसोम नामक अंग को निशाना बनाती है। राइबोसोम बैक्टीरिया के लिए प्रोटीन बनाने का कारखाना होता है।

अजिथ्रोमाइसिन का इस्तेमाल कब किया जाता है? (Azithromycin Ka Upyog Kab Kiya Jata Hai?)

अजिथ्रोमाइसिन विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया संक्रमणों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है, लेकिन यह हर बीमारी के लिए कारगर नहीं होती है. आइए देखें किन परिस्थितियों में डॉक्टर अजिथ्रोमाइसिन लिख सकते हैं:

श्वसन संक्रमण (Shwasan Sankraman): (अजिथ्रोमाइसिन गोली कब लेनी चाहिए?)

  • ब्रोंकाइटिस (Bronchitis): यह वायु मार्गों में सूजन की स्थिति है, जो खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकती है। अजिथ्रोमाइसिन तभी कारगर होती है, जब ब्रोंकाइटिस बैक्टीरिया के कारण हो, वायरल ब्रोंकाइटिस में इसका कोई फायदा नहीं होता।
  • निमोनिया (Pneumonia ): फेफड़ों में होने वाला संक्रमण निमोनिया कहलाता है। यह बैक्टीरिया या वायरस के कारण हो सकता है। अजिथ्रोमाइसिन कुछ प्रकार के बैक्टीरिया जनित निमोनिया के इलाज में सहायक होती है।
  • साइनसाइटिस (Sinusitis): साइनसाइटिस साइनस (चेहरे की हड्डियों के खोखले भाग) में सूजन की स्थिति है। यह आमतौर पर वायरस के कारण होता है, लेकिन कुछ मामलों में बैक्टीरिया भी इसका कारण बन सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर अजिथ्रोमाइसिन लिख सकते हैं।

कान का संक्रमण (Kaan Ka Sankraman): (अजिथ्रोमाइसिन गोली कब लेनी चाहिए?)

कान का संक्रमण, जिसे ओटिटिस मीडिया (otitis media) भी कहते हैं, बच्चों में आम समस्या है। यह आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण होता है और अजिथ्रोमाइसिन इस स्थिति में कारगर एंटीबायोटिक मानी जाती है।

त्वचा का संक्रमण (Twacha Ka Sankraman): (अजिथ्रोमाइसिन गोली कब लेनी चाहिए?)

कुछ प्रकार के त्वचा संक्रमण, जैसे कि इम्पेटीगो (impetigo) और सेल्यूलाइटिस (cellulitis), बैक्टीरिया के कारण होते हैं। अजिथ्रोमाइसिन इन संक्रमणों के इलाज में भी इस्तेमाल की जा सकती है।

अन्य संक्रमण (Anye Sankraman): (अजिथ्रोमाइसिन गोली कब लेनी चाहिए?)

अजिथ्रोमाइसिन का इस्तेमाल कुछ अन्य संक्रमणों, जैसे कि क्लैमाइडिया (chlamydia) और लाइम रोग (Lyme disease) के इलाज में भी किया जा सकता है। हालांकि, हर स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है।

अजिथ्रोमाइसिन की खुराक (Azithromycin Ki Khuraak)

अजिथ्रोमाइसिन विभिन्न रूपों में उपलब्ध है, जैसे कि गोलियां, सिरप और कैप्सूल। इसकी खुराक उम्र, वजन, संक्रमण के प्रकार और गंभीरता के आधार पर तय होती है। डॉक्टर ही मरीज के लिए उपयुक्त खुराक निर्धारित करेंगे।

आम तौर पर:

  • वयस्कों के लिए खुराक (Vayakton Ke Liye Khuraak): अक्सर 500mg की गोली दिन में एक बार, 3 से 5 दिनों के लिए लेने की सलाह दी जाती है। कुछ मामलों में डॉक्टर अलग खुराक भी दे सकते हैं।
  • बच्चों के लिए खुराक ( बच्चों Ke Liye Khuraak): बच्चों के लिए खुराक उनके वजन के हिसाब से तय की जाती है। डॉक्टर का निर्देश ही मानें।

खुराक संबंधी महत्वपूर्ण बातें:

  • निर्धारित खुराक से ज्यादा या कम दवा न लें।
  • दवा का पूरा कोर्स पूरा करें, भले ही आप थोड़ा बेहतर महसूस करने लगें।
  • एक कोर्स पूरा करने के बाद ही दोबारा अजिथ्रोमाइसिन लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के दवा को किसी और को न दें।

अजिथ्रोमाइसिन लेने का सही तरीका (Azithromycin Lene Ka Sahi Tarika)

अजिथ्रोमाइसिन का सेवन करने का सही तरीका जानना जरूरी है, ताकि दवा शरीर में अच्छी तरह से अवशोषित हो सके और उसका पूरा फायदा मिल सके।

  • भोजन के साथ या बिना? (Bhojan Ke Saath Ya Bina?): यह दवा की खुराक पर निर्भर करता है। कुछ गोलियां भोजन के साथ लेनी चाहिए, तो कुछ खाली पेट। डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।
  • गोली को कैसे निगलें? (Goli Ko Kaise Niglein?): गोली को पानी के साथ पूरा निगल लें। इसे चबाएं, तोड़ें या घोंटने की कोशिश न करें।

अजिथ्रोमाइसिन लेते समय सावधानियां (Azithromycin Lete Samay Savdhaniyaan)

अजिथ्रोमाइसिन एक प्रभावी दवा है, लेकिन इसका सेवन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • गर्भवस्था और स्तनपान (Garbhvashtha Aur Stanyopaan): अगर आप गर्भवती हैं, स्तनपान करा रही हैं या गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। वे तय करेंगे कि आपके लिए अजिथ्रोमाइसिन लेना सुरक्षित है या नहीं।
  • दवाओं का परस्पर प्रभाव (Dawaon Ka Paraspar Prabhav): अगर आप कोई अन्य दवाएं ले रहे हैं, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। कुछ दवाएं अजिथ्रोमाइसिन के साथ मिलकर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती हैं।

अन्य दवाइयां ले रहे हैं तो बताएं (Anye Dawaaiyan Le Rahe Hain To Bataen):

बताएं कि आप:

  • दिल की दवाएं
  • एसिडिटी की दवाएं
  • ब्लड थिनर दवाएं
  • एर्गोट डेरिवेटिव्स (ergot derivatives) जैसी कुछ माइग्रेन की दवाएं ले रहे हैं।

डॉक्टर इन दवाओं के साथ अजिथ्रोमाइसिन लेने के संभावित जोखिमों का आकलन कर सकते हैं।

अजिथ्रोमाइसिन के संभावित दुष्प्रभाव (Azithromycin Ke Sambhavti Dusprabhaav)

अजिथ्रोमाइसिन को आम तौर पर सुरक्षित दवा माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों को इससे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ये दुष्प्रभाव ज्यादातर हल्के होते हैं और कुछ दिनों में ही खत्म हो जाते हैं। हालांकि, इन दुष्प्रभावों को जानना और उन्हें पहचानना जरूरी है, ताकि आप उनसे सही तरीके से निपट सकें।

आम दुष्प्रभाव:

  • पेट से जुड़ी समस्याएं (Gastrointestinal Issues): अजिथ्रोमाइसिन लेने के बाद कई लोगों को मिचली आना, उल्टी, दस्त या पेट में दर्द का अनुभव हो सकता है. ये परेशानियां दवा के पाचन तंत्र को प्रभावित करने के कारण होती हैं। अगर ये समस्याएं हल्की हैं, तो आप ज्यादा नरम और आसानी से पचने वाला आहार लेकर और खूब सारे तरल पदार्थ पीकर इनसे राहत पा सकते हैं। प्रोबायोटिक दही का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, अगर दस्त या उल्टी ज्यादा तेज हो जाएं, या इनमें खून या बलगम दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ये गंभीर संकेत हो सकते हैं।
  • सिरदर्द और चक्कर आना (Headache and Dizziness): कुछ लोगों को अजिथ्रोमाइसिन लेने के बाद सिरदर्द या चक्कर आने की शिकायत हो सकती है। ये आमतौर पर हल्के होते हैं और थोड़े आराम करने से ठीक हो जाते हैं। हालांकि, अगर सिरदर्द बहुत तेज हो या दवा लेने के बाद आपकी चक्कर आने की समस्या बढ़ जाए, तो डॉक्टर को बताएं।
  • स्वाद में बदलाव (Altered Taste): कभी-कभी अजिथ्रोमाइसिन दवा लेने से मुंह में कड़वा या अप्रिय स्वाद आ सकता है। यह आमतौर पर अस्थायी होता है और दवा का कोर्स पूरा होने के बाद ठीक हो जाता है।

गंभीर, लेकिन दुर्लभ दुष्प्रभाव (Serious but Rare Side Effects):

अधिकांश लोगों के लिए अजिथ्रोमाइसिन सुरक्षित है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • एलर्जिक रिएक्शन (Allergic Reaction): अगर आपको अजिथ्रोमाइसिन से एलर्जी है, तो गंभीर एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। इसके लक्षणों में शरीर पर लाल चकत्ते या रैश होना, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, चेहरे, होंठ, जीभ या गले में सूजन शामिल हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या किसी नजदीकी अस्पताल के emergency department में जाएं।
  • QT अंतराल का लम्बा होना (QT Prolongation): यह हृदय गति से जुड़ी एक असामान्य स्थिति है। हालांकि यह दुर्लभ है, लेकिन कुछ लोगों में अजिथ्रोमाइसिन लेने से यह समस्या हो सकती है। इससे दिल की अनियमित धड़कन का खतरा बढ़ सकता है। अगर आपको पहले से ही हृदय संबंधी कोई समस्या है या आप कुछ खास दवाएं ले रहे हैं, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। वे यह आकलन कर पाएंगे कि आपके लिए अजिथ्रोमाइसिन लेना सुरक्षित है या नहीं।

ध्यान दें: यह दुष्प्रभावों की पूरी सूची नहीं है। अजिथ्रोमाइसिन लेने से पहले दवा के साथ आने वाली सूचना पर्ची को ध्यान से पढ़ें या डॉक्टर से किसी भी तरह के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में पूछें।

कब डॉक्टर से संपर्क करें (Kab Doctor Se Sampark Karen)

अगर आपको अजिथ्रोमाइसिन लेने के बाद कोई भी असामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। खासकर, इन स्थितियों में देर न करें:

  • अगर आपको दवा लेने के बाद गंभीर एलर्जिक रिएक्शन के लक्षण दिखाई दें, जैसे कि सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, चेहरे, होंठ, जीभ या गले में सूजन।
  • अगर आपको तेज या लगातार दस्त या उल्टी हो रही हो, खासकर अगर इनमें खून या बलगम दिखाई दे।
  • अगर आपको बहुत तेज सिरदर्द हो या दवा लेने के बाद आपकी चक्कर आने की समस्या बढ़ जाए।
  • अगर आपको पेट में तेज दर्द हो।
  • अगर आपकी दृष्टि में बदलाव आ जाए।
  • अगर आपको सुनने में परेशानी हो।

अजिथ्रोमाइसिन के बारे में मिथक (Azithromycin Ke Bare Mein Mithak)

अजिथ्रोमाइसिन के बारे में कई गलतफहमियां हैं। आइए इन्हें दूर करें:

  • मिथक 1: अजिथ्रोमाइसिन किसी भी तरह के संक्रमण के लिए कारगर है.
    • तथ्य: अजिथ्रोमाइसिन केवल बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमणों के लिए ही कारगर है। वायरल संक्रमणों, जैसे कि सर्दी-जुकाम या फ्लू में इसका कोई फायदा नहीं होता।
  • मिथक 2: थोड़ा बेहतर महसूस करने पर भी अजिथ्रोमाइसिन का पूरा कोर्स लेना जरूरी नहीं है.
    • तथ्य: दवा का पूरा कोर्स पूरा करना बहुत जरूरी है, भले ही आप थोड़ा बेहतर महसूस करने लगें। बीच में दवा लेना बंद करने से संक्रमण पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाएगा और यह वापस लौट सकता है। इससे एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (antibiotic resistance) का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • मिथक 3: बची हुई अजिथ्रोमाइसिन की गोलियां बाद में इस्तेमाल की जा सकती हैं.
    • तथ्य: एक बार डॉक्टर द्वारा निर्धारित कोर्स पूरा हो जाने के बाद, बची हुई गोलियों का इस्तेमाल न करें। भविष्य में किसी संक्रमण के लिए इन्हें जमा करके न रखें। हर संक्रमण के लिए डॉक्टर से नई दवा लेने की सलाह लें।

अजिथ्रोमाइसिन का भंडारण (Azithromycin Ka Bhandaran)

अजिथ्रोमाइसिन को कमरे के तापमान पर, सूरज की रोशनी और नमी से दूर किसी ठंडी, सूखी जगह पर रखें। बाथरूम या किचन में दवा को न रखें, जहां नमी ज्यादा हो सकती है। दवा को बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें।

एक्सपायर्ड हो चुकी अजिथ्रोमाइसिन की गोलियों को फेंक दें। दवाओं को शौचालय या नालियों में न बहाएं। पुरानी या एक्सपायर्ड दवाओं को फेंकने का सही तरीका जानने के लिए अपने फार्मासिस्ट से पूछें।

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निष्कर्ष (Conclusion)

अजिथ्रोमाइसिन एक प्रभावी एंटीबायोटिक दवा है, जिसका इस्तेमाल विभिन्न बैक्टीरिया संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है। लेकिन यह जरूरी है कि आप इसे डॉक्टर के परामर्श के बाद ही लें। डॉक्टर आपके लक्षणों, मेडिकल हिस्ट्री और जांच के आधार पर तय करेंगे कि अजिथ्रोमाइसिन आपके लिए उपयुक्त है या नहीं और अगर है, तो उसकी सही खुराक क्या होगी। निर्धारित खुराक का ही सेवन करें और दवा का पूरा कोर्स पूरा करें।

अजिथ्रोमाइसिन एक उपयोगी एंटीबायोटिक दवा है, लेकिन याद रखें कि यह हर बीमारी का इलाज नहीं है। इसका सेवन केवल उसी स्थिति में करें, जब डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया गया हो। यह लेख आपको अजिथ्रोमाइसिन के बारे में बुनियादी जानकारी प्रदान करता है, लेकिन यह किसी भी तरह से चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी तरह के संदेह या परेशानी होने पर हमेशा डॉक्टर से संपर्क करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. क्या मैं बिना डॉक्टर के पर्चे के अजिथ्रोमाइसिन खरीद सकता/सकती हूं?

नहीं, भारत में अजिथ्रोमाइसिन एक निर्धारित दवा है। इसका मतलब है कि इसे खरीदने के लिए डॉक्टर का पर्चा जरूरी होता है। यह दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूरी है, ताकि वे यह सुनिश्चित कर सकें कि यह आपके लिए उपयुक्त दवा है और सही खुराक दे सकें।

2. क्या गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं अजिथ्रोमाइसिन ले सकती हैं?

गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अजिथ्रोमाइसिन लेने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपके स्वास्थ्य और बच्चे के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तय करेंगे कि यह दवा आपके लिए सुरक्षित है या नहीं।

3. क्या अजिथ्रोमाइसिन लेने से दही खाना फायदेमंद होता है?

हां, दही खाने से कुछ फायदे हो सकते हैं। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो पाचन तंत्र के लिए अच्छे बैक्टीरिया को बनाए रखने में मदद करते हैं। अजिथ्रोमाइसिन कभी-कभी दस्त का कारण बन सकती है, इसलिए प्रोबायोटिक्स युक्त दही का सेवन पाचन को दुरुस्त रखने में सहायक हो सकता है। हालांकि, दवा लेने के साथ ही दही खाने से बचना चाहिए। दवा के अवशोषण में बाधा न पड़े, इसलिए दवा लेने के कम से कम 2 घंटे बाद ही दही का सेवन करें।

4. क्या अजिथ्रोमाइसिन के कोई विकल्प मौजूद हैं?

हां, कई अन्य एंटीबायोटिक दवाएं मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल विभिन्न बैक्टीरिया संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है। डॉक्टर आपके संक्रमण के प्रकार और गंभीरता के आधार पर आपके लिए सबसे उपयुक्त एंटीबायोटिक का चयन करेंगे।

5. अगर मैं अजिथ्रोमाइसिन की एक खुराक लेना भूल जाऊं, तो क्या करूं?

अगर आप अजिथ्रोमाइसिन की एक खुराक लेना भूल जाते हैं, तो जितनी जल्दी हो सके, भूली हुई खुराक ले लें। हालांकि, अगर अगली खुराक का समय हो चुका है, तो भूली हुई खुराक को ना लें और निर्धारित समय पर ही अगली खुराक लें। दोगुनी खुराक ना लें।

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